DAANA_MANJHI-AADIVASHI-SHOSHAN

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Mrp-Umashankar-9669614847
---ANIL_SINGH_GOND
यही तो अच्छे दिनों की शुरूआत है...........
ममोदी जी और पटनायक जी कुछ तो करिये......
ये कमबख्त आदिवासी तो आप लोगों को लगातार दुनिया के सामने नंगा किये जा रहे हैं वैचारिक,सांस्कृतिक और माननीय दृष्टिकोण से.....भागवत जी ये मनुवादी (तथाकथित भारतीय संस्कृति) का घोर अपमान हैं.......
मैं थूकता हूँ
हां मैं थूकता हूँ
ऐसे विकास पर
ऐसी प्रतिष्ठा पर
ऐसे अखंडभारत पर
ऐसी समृद्धि पर
ऐसी डिजिटलता पर
ऐसी चमनता पर
ऐसी महा मानवता पर
ऐसे नेताओं पर
ऐसे प्रेणेताओं पर
हाँ मैं थूकता हूँ
सरकारी ओहदों पर बैठे चेलों पर
लाल बत्ती में मिमियाते बेलों पर
खून पीने वाले उस विधानसभा के विधायक पर
उस जिले के जिला कलेक्टर पर
उस अस्पताल के प्रबन्धन पर
उसे देखकर हंसने वाले जनता जनार्दन पर

हां मैं थूकता हूँ
एक पचास साठ किलो की लाश
मरने के बाद भले कम हो जाती हो
उसके साथ बिताई चालीस पचास साल के पल
भारी थे
और उससे भारी पचास साठ किलोमीटर का
उबड़ खाबड़ रास्ता
रास्ता जो सरकारी नियमों की पैरवी कर
जोर जोर से हंस रहा था,
इतना भारी लेकर भी वो चला चलता गया
न नुमाइंदों को लाज आयी
न मालिक-इ-नुमाइंदको
यूँ तो मानवता की बढ़ी बढ़ी किताबें
धर्मों में पढाई जाती है
सिखाया जाता है धर्म धर्म धर्म
मर गया था तब उसको देखकर आगे बढ़ने वालों का धर्म
आज जिन्दा हो गया हेल्लो हाय गुड मॉर्निंग के साथ
और मर गया उसका धर्म सदा सदा सदा के लिए
सदा के लिए |


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